देवरीताल चंद्रशिला ट्रेक बादलों के पार एक अनोखी यात्रा

देवरीताल-चंद्रशिला ट्रेक: हिमालय की गोद में एक स्वर्गीय अनुभव 

जब जीवन की भागदौड़ थकाने लगे और आत्मा को सुकून की तलाश हो, तब पहाड़ों की ओर रुख करना ही सबसे बेहतर होता है। उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित देवरीताल और चंद्रशिला ट्रेक ऐसा ही एक स्थान है, जो न सिर्फ आपके शरीर को ऊर्जावान बनाता है बल्कि आत्मा को भी ताजगी से भर देता है।


🌲 देवरीताल – देवताओं का ताल

देवरीताल एक शांत और रहस्यमयी झील है, जो समुद्रतल से लगभग 2438 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। कहा जाता है कि यहाँ देवता स्नान करने आया करते थे, इसलिए इसका नाम पड़ा देवरीताल। सुबह के समय जब सूरज की पहली किरणें इस झील के शांत जल पर पड़ती हैं, तब इसमें चौखंबा पर्वत की छवि इतनी स्पष्ट दिखाई देती है कि ऐसा लगता है जैसे हिमालय खुद इस झील में उतर आया हो।

यह झील चारों तरफ घने जंगलों से घिरी हुई है, और यहाँ का वातावरण इतना शांत होता है कि आपको केवल अपने दिल की धड़कन और प्रकृति की आवाज़ें सुनाई देती हैं।


🏞️ चंद्रशिला – जहाँ से हिमालय करता है अभिवादन

देवरीताल से आगे बढ़ते हुए ट्रेक का अगला पड़ाव होता है – तुंगनाथ, जो दुनिया का सबसे ऊँचा शिव मंदिर है। यहाँ से थोड़ी और चढ़ाई करने पर आप पहुँचते हैं चंद्रशिला पर, जो करीब 4000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

यहाँ से 360 डिग्री में फैले हुए हिमालय के दृश्य ऐसे दिखते हैं कि शब्द भी कम पड़ जाएँ – नंदा देवी, त्रिशूल, केदारडोम, चौखंबा और गंगोत्री जैसी चोटियाँ आँखों के सामने होती हैं। ऐसा लगता है जैसे स्वर्ग यहीं उतर आया हो।


🚶‍♂️ ट्रेकिंग अनुभव

  • कठिनाई स्तर: आसान से मध्यम (Beginner-friendly)

  • सबसे अच्छा समय: मार्च से जून और सितंबर से नवंबर

  • दूरी: लगभग 15-18 किलोमीटर (दोनों ओर मिलाकर)

  • शुरुआत: साड़ी गाँव से होती है

  • कैम्पिंग: देवरीताल और चोपता में शानदार कैम्पिंग का अनुभव मिलता है


🌿 क्यों जाएं देवरीताल-चंद्रशिला?


  • शांत झील के किनारे आत्मचिंतन का अवसर


  • भारत का सबसे ऊँचा शिव मंदिर – तुंगनाथ


  • बर्फ से ढकी चोटियों का नज़ारा


  • सूर्योदय और सूर्यास्त के अद्भुत दृश्य


  • पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग.


📷 इंस्टाग्राम के लिए परफेक्ट!

अगर आप फोटोग्राफी या कंटेंट क्रिएशन के शौकीन हैं, तो देवरीताल और चंद्रशिला आपके लिए किसी ड्रीम डेस्टिनेशन से कम नहीं। हर मोड़ पर आपको Instagram-worthy shots मिलते हैं – चाहे वो झील में पड़ती सूरज की किरणें हों, हिमालय की चोटियाँ, या तुंगनाथ मंदिर की पवित्रता।

देवरीताल-चंद्रशिला ट्रेक सिर्फ एक यात्रा नहीं है, यह आत्मा से आत्मा तक का सफर है। यहाँ आकर आपको एहसास होता है कि असली सुकून मोबाइल नेटवर्क में नहीं, बल्कि प्रकृति की गोद में है।

"कभी खुद को पाना हो तो पहाड़ों की ओर निकल जाइए। शायद उत्तराखंड का ये ट्रेक आपको वही शांति दे दे जिसकी आपको बरसों से तलाश थी।"


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