भारत का शिक्षा सिस्टम: एक नजर
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Image Source: istock |
शिक्षा एक ऐसा क्षेत्र है जो किसी भी देश की प्रगति और भविष्य को तय करता है। भारत का शिक्षा सिस्टम विशाल और विविधतापूर्ण है। सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के बीच अंतर, और राज्य-वार गुणवत्ता की भिन्नता इसे चुनौतीपूर्ण बनाती है। कुछ प्रगतिशील राज्य जैसे केरल और तामिलनाडु अच्छे परिणाम दिखाते हैं। ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में छात्रों को समान अवसर नहीं मिल पाते।
पीसा रैंकिंग्स क्या हैं?
मुख्य उद्देश्य: शिक्षा की गुणवत्ता और देश की ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में उसकी तैयारी को समझना।
विवाद और चुनौतियाँ
सवाल उठता है: क्या एक विशाल और विविध देश जैसे भारत की तुलना सिंगापुर या एस्टोनिया जैसे छोटे देशों से की जा सकती है?
बड़े देशों में क्षेत्रीय और सामाजिक भिन्नता को देखते हुए तुलना हमेशा सरल नहीं होती।
2025 की रैंकिंग्स और भारत का प्रदर्शन
🌍 2025 Reading Ranking by Country (PISA Scores)
📖 Source: OECD PISA 2022 Report (latest available, used for 2025 ranking reference)
🌍 2025 Reading Ranking by Country (PISA Scores)
📖 Source: OECD PISA 2022 Report (latest available, used for 2025 ranking reference)
2025 में सिंगापुर रीडिंग में पहले स्थान पर है। भारत का प्रदर्शन औसत रहा। भारत ने आख़िरी बार 2009 में PISA (Programme for International Student Assessment) टेस्ट में हिस्सा लिया था। उस समय भारत की रैंकिंग 74 देशों में से 72वीं रही थी।
इसके बाद भारत ने 2012, 2015, 2018 और 2022 के PISA टेस्ट में भाग नहीं लिया। अब भारत PISA 2025 में दोबारा हिस्सा लेने की तैयारी कर रहा है।
छोटे देश जैसे सिंगापुर,मकाउ, साउथ कोरिया एस्टोनिया बड़े देशों को पछाड़ते हुए आगे बढ़ रहे हैं।
क्यों कुछ देश बेहतर प्रदर्शन करते हैं?
पीसा विशेषज्ञों का मानना है कि सफल देशों की कुछ मुख्य विशेषताएँ हैं:
1. समान शिक्षा मानक: सभी छात्रों को एक निश्चित स्तर तक शिक्षा देना।
2. समान अवसर: छात्रों का सामाजिक या आर्थिक बैकग्राउंड महत्वहीन माना जाता है।
3. अलग नहीं करना: छात्रों को क्षमता या वर्ग के आधार पर अलग नहीं किया जाता।
एस्टोनिया इसका बेहतरीन उदाहरण है।
📘 भारत में शिक्षा सुधार के प्रमुख कदम
क्रम | सुधार | मुख्य विशेषताएँ |
---|---|---|
1 | नई शिक्षा नीति (NEP 2020) | 5+3+3+4 प्रणाली, मातृभाषा में शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा पर ज़ोर |
2 | डिजिटल शिक्षा | DIKSHA, SWAYAM, PM eVIDYA, डिजिटल क्लासरूम |
3 | स्कूल शिक्षा सुधार | समग्र शिक्षा अभियान, प्री-स्कूल शिक्षा, ड्रॉपआउट दर कम करना |
4 | उच्च शिक्षा सुधार | NRF स्थापना, विदेशी विश्वविद्यालय, अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट |
5 | कौशल विकास | स्किल इंडिया मिशन, PMKVY, उद्यमिता और तकनीकी प्रशिक्षण |
6 | समानता और समावेशिता | ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान, लड़कियों की शिक्षा, समावेशी शिक्षा |
✅ उद्देश्य: हर छात्र तक गुणवत्तापूर्ण, सुलभ और रोजगारोन्मुख शिक्षा पहुंचाना
भारत में सुधार के लिए सुझाव
- सभी राज्यों में समान शिक्षा मानक लागू करें।
- ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में सुविधाओं और शिक्षक प्रशिक्षण को बढ़ावा दें।
- स्कूलों में समग्र शिक्षा और पाठ्यक्रम सुधार पर ध्यान दें।
दुनिया के टॉप शिक्षा सिस्टम वाले देश सभी छात्रों को समान अवसर और उच्च स्तर की शिक्षा देने पर जोर देते हैं।
भारत भी शिक्षा में सुधार कर सकता है, ताकि हर बच्चा चाहे वह ग्रामीण क्षेत्र में हो या शहरी, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त कर सके।
आपके विचार: क्या भारत का शिक्षा सिस्टम समान अवसर देने में सफल है? क्या पीसा रैंकिंग्स भारत की वास्तविक शिक्षा स्थिति को सही दिखाती हैं?
Comment कर के बताये।
महत्वपूर्ण शब्दावली
Contentious (विवादित): जिस पर बहस हो सकती है
Outpaced (पीछे छोड़ना): किसी से तेज़ गति से आगे बढ़ना
Rivals (प्रतिद्वंदी): प्रतियोगी देश या संगठन
Knowledge economy (ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था): उच्च शिक्षित कर्मचारियों पर आधारित अर्थव्यवस्था
Regardless (भले ही): किसी चीज़ के बावजूद
Segregated (अलग-थलग किया हुआ): अलग समूहों में बाँटना
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