गलतियों से कैसे बचें गणितीय सोच की ताकत

"How Not to Be Wrong" पुस्तक का एक लेख


गणित केवल एक विषय नहीं, बल्कि यह सोचने का एक तरीका है। जॉर्डन एलेनबर्ग की पुस्तक "How Not to Be Wrong" में गणित के दैनिक जीवन में महत्व को बताया गया है।
"How Not to Be Wrong" किताब में एक महत्वपूर्ण कहानी है जो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अद्भुत गणितीय विचारों को दर्शाती है। यह छोटी सी कहानी पढ़ें, इसने मुझे अपने जीवन के निर्णयों के तरीके पर सवाल उठाने पर मजबूर कर दिया। 
इस कहानी में एक शोधकर्ता ने विमान की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए एक विश्लेषण किया, विशेष रूप से उन विमानों पर जो एंटी-क्राफ्ट गनों द्वारा मार किए गए थे। जब लड़ाकू विमानों ने दुश्मन के क्षेत्रों में उड़ान भरी,तो उन्हें एंटी-क्राफ्ट गनों से निशाना बनाया गया। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान,कई लड़ाकू विमानों पर विमान-रोधी तोपों से हमला हो रहा था। वायुसेना के अधिकारी विमानों में कुछ सुरक्षा कवच/ढाल जोड़ना चाहते थे। 

सवाल यह था कि "कहाँ"?

विमान केवल कुछ किलो वजन ही सहन कर सकते थे। गणितज्ञों को एक छोटी परामर्श परियोजना के लिए बुलाया गया। मिशन से लौट रहे लड़ाकू विमानों में प्रति वर्ग फुट बुलेट होल का विश्लेषण किया गया। उन्हें विमान की पूंछ के पास 1.93 बुलेट होल/वर्ग फुट मिले जबकि इंजन के पास केवल 1.11 बुलेट होल/वर्ग फुट मिले। अधिकारियों ने सोचा कि चूंकि पूंछ वाले हिस्से में गोलियों का घनत्व सबसे अधिक था, इसलिए यह एंटी-बुलेट शील्ड लगाने के लिए तार्किक स्थान होगा। एक गणितज्ञ ने बिल्कुल इसके विपरीत कहा; जहाँ गोलियों के छेद नहीं हैं, वहाँ अधिक सुरक्षा की आवश्यकता है - अर्थात इंजन के आस-पास। उनके निर्णय ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। "उन्होंने कहा कि हम उन विमानों की गिनती कर रहे हैं जो किसी मिशन से लौटे हैं। इंजन में बहुत सारे गोलियों के छेद वाले विमान बिल्कुल भी वापस नहीं लौटे"।

इस विश्लेषण ने उन्हें यह सुझाव दिया कि विमानों के डिजाइन और सुरक्षा में सुधार की आवश्यकता है। यदि बड़े पैमाने पर छिद्र केवल उन विमानों में दिखाई दे रहे हैं जो लौटते हैं, तो इसका मतलब यह हो सकता है कि उन विमानों में अन्य आवश्यक सुरक्षा उपायों का अभाव था। इससे उन्हें यह भी सीखने में मदद मिली कि आंकड़ों का उपयोग करके कैसे बेहतर निर्णय लिए जा सकते हैं, और गलत निष्कर्ष निकालने से कैसे बचा जा सकता है। इस तरह, गणित और डेटा का सही संकलन न केवल युद्ध की रणनीतियों में बल्कि हमें सामान्य जीवन में भी सही निर्णय लेने में मदद करता है। यह कहानी यह भी दर्शाती है कि कभी-कभी, जो दृश्य हमें दिखाई देता है, वह पूरी तस्वीर नहीं हो सकता।

Moral of the story : हर वह चीज़ जो मायने रखती है, उसे गिना नहीं जा सकता और हर वह चीज़ जो गिनी जा सकती है, मायने नहीं रखती।


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